"अनाया...एक कोरोना योद्धा"

ये मेरी कहानी है...

मेरा नाम 'अनाया' है ।मैं सिंगरौली से हूँ। मैं दस महीने की हूँ। आप सोच रहे होंगे कि मैं एक योद्धा कैसे?बताती हूँ.....कैसे?

   मेरे पापा का नाम ' डॉ आर पी शाह' (एक डॉक्टर)है और माँ का नाम 'गायत्री शाह'(एक नर्स) है। जी हाँ ये नाम आप लोगों ने कुछ दिनों पहले सुना होगा..मीडिया अंकल लोगों ने आपको बताया होगा।

 

   


  मेरे पापा और माँ दोनों मानवसेवा में हमेशा लगे रहते हैं(क्योंकि डॉक्टर तो ईश्वर का रूप होते हैं)। कभी भी आवाज देने पर जनसेवा के लिए तत्पर रहते हैं। मैं अभी दस (10) माह की हूँ जब भूख लगती है न  तो रोकर थोड़ा नखरे दिखाकर माँ के शरीर से अमृत की धार अपना आहार (माँ का दूध) ले लेती हूं। कई बार तो माँ से रुठ भी जाती हूँ क्योंकि मम्मी पापा दोनों मुझे छोड़कर कई घंटों तक जनसेवा में चले जाते हैं। 

      25 जुलाई को अचानक माँ की तबीयत खराब होने लगती है और वो सी एच एम ओ अंकल से अवकाश (छुट्टियों) की प्रार्थना करती हैं , तो मुझे लगा कि अब माँ के साथ कुछ दिनों तक हर पल रहने का मौका मिलेगा , पर अवकाश नहीं मिलता और फिर मानवसेवा के लिए वो काम पर चली जाती हैं।

    29 जुलाई को टेस्ट होता है और एक सप्ताह बाद पिछले दिनों 5 अगस्त को पता चलता है कि 'कोरोना' जैसी बीमारी ने माँ को बीमार बना दिया। तब से माँ को मुझसे कई दिनों से दूर कर दिया गया है। 

   जब मैं सिसकती हूँ और माँ की याद आती है तो रोते रोते अपने पापा की गोद का सहारा लेती हूं , क्योंकि पापा और मैं दोनों 'होम क्वारन्टीन' हैं । 

    आज तीन चार दिन हो गए माँ को देखे हुए। जब मैं घुटनों के बल घीसककर अपने आंगन में और कमरों में झांकती हूँ और माँ को ढूंढती हूँ, तो लगता कि माँ किसी कोने या कमरे से आवाज दे रही हो और अभी अचानक आएगी और मुझे अपने गोद में उठा लेगी और खूब सारा प्यार करेगी। पर अफसोस मेरे रोने और सुबकने पर भी माँ सामने नहीं आ रही। 

   आज मेरे पापा मुझे संभाल रहे हैं, पर माँ तो माँ होती है न । माँ कहाँ हो तुम ? आ जाओ माँ। मैं तुम्हे देखना चाहती हूँ ....। 

    कलेक्टर अंकल और सी एच एम ओ अंकल प्लीज मेरी माँ से मुझे मिलवा दीजिए😢

   अब आप ही बताओ कि मैं एक योद्धा हूँ कि नहीं?

मैं भी तो इस महामारी से अपनी माँ की तरह मैं लड़ रही हूं...।

    (आगे अगली कड़ी में कुछ बातें बताऊंगी......तब तक छबको मेला प्रणाम)

(आपका एक शेयर मेरे परिवार को कई लोगों की दुआ और आशीर्वाद दिलाएगा,संकोच मत कीजिए शेयर कीजिये और आशीर्वाद दीजिए, प्लीज....आपकी अनाया)

                   -लेखक ओम प्रकाश शाह (आजाद)

"अनाया...एक कोरोना योद्धा"  "अनाया...एक कोरोना योद्धा" Reviewed by Aapka Guide on Saturday, August 08, 2020 Rating: 5

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